
विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस का आयोजन किया गया, स्वच्छता ही सेवा के तहत साफ सफाई किया गया
जगदलपुर.. शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर, जगदलपुर में 1 अक्टूबर 2023 को स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव, कुलसचिव श्री अभिषेक कुमार बाजपेई एवं अन्य अधिकारियों ने सर्वप्रथम शहीद महेन्द्र कर्मा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद विश्वविद्यालय के शिक्षा अध्ययनशाला भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं कुलसचिव श्री अभिषेक कुमार बाजपेई सहित सभी अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी एवं अध्ययनशालाओं में अध्ययनरत छात्र छात्राएं उपस्थित हुए। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलित कर, सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय के कुल गीत से किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव श्री अभिषेक कुमार बाजपेई ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना 1 अक्टूबर 2008 में बस्तर विश्वविद्यालय के नाम से किया गया। 2008 में विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय की संख्या 23 थी, जो 2023 में 53 हो चुकी है। इसी प्रकार, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर का बस्तर परिसर भवन वैकल्पिक प्रशासनिक भवन के रूप में विरासत में प्राप्त हुई। 2008 में विश्वविद्यालय के पास केवल एक भवन मात्र था, जबकि वर्तमान में चार अकादमिक भवन, दो छात्रावास भवन, ट्रांजिट हॉस्टल आदि का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय की स्थापना के समय केवल चार विभाग प्रारंभ किए गए थे, जबकि वर्तमान में 10 विभागों में 13 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उनके द्वारा कुलपति के पद पर 6 सितंबर 2022 को कार्यभार ग्रहण किया गया था तथा पिछले वर्ष 1 अक्टूबर को स्थापना दिवस के दिन उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण कार्य विश्वविद्यालय में करने का सपना देखा था। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके द्वारा 1 वर्ष के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां विश्वविद्यालय ने अर्जित की है। विश्वविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए काफी प्रयास किया गया है और भर्ती की अनुमति शासन से शीघ्र प्राप्त होने की आशा है। इसी प्रकार विश्वविद्यालय में पूर्व में वर्ष 2021 में तथा वर्ष 2023 में नवीन विभाग एवं पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने के लिए प्रेषित किए गए प्रस्ताव पर शासन द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात प्रारंभ किए जाने का निर्णय लिए जाने के संबंध में जानकारी दी। विश्वविद्यालय का नैक प्रत्यायन में जिन कमियों के कारण ग्रेड सी प्राप्त हुआ, उन कमियों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न स्तरों पर अनेक प्रयास किए गए। विश्वविद्यालय का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 12 बी प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर विश्वविद्यालय में शोध एवं अकादमिक कार्य करने के लिए अनुदान प्राप्त हो सकेगा, जिसका लाभ विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को सीधे प्राप्त होगा। कुलपति ने संतोष व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापकों एवं सहायक ग्रंथपाल का करियर उन्नति योजना के तहत प्रमोशन किया जा चुका है। विश्वविद्यालय में 6 अतिथि व्याख्याता का चयन करते हुए उन्हें आमंत्रण पत्र प्रेषित किया गया है। विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों के चयन में अतिथि व्याख्याता चयन में केवल नेट/सेट/पीएचडी अभ्यर्थियों का ही चयन किया गया है। जिन विषयों के लिए नेट/सेट/पीएचडी अर्हता प्राप्त अभ्यर्थी नहीं मिले, उनमें वॉक इन इंटरव्यू कराकर अतिथि व्याख्याता चयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में अनेक पॉलिसी तैयार किया गया है। अनेक कार्यक्रम, सेमिनार, वर्कशॉप आदि का आयोजन किया गया है, जिससे विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्राप्त हो रहा है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा अनेक कैंप आयोजित कर ग्रामीण विकास में छात्राओं की भूमिका एवं योगदान किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में के ग्रंथालय में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं से प्राप्त सूची के अनुसार आवश्यक किताबें, जनल्स क्रय किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी से लैस क्लासरूम एवं रूसा अनुदान के अंतर्गत प्रयोगशाला के लिए उपकरण क्रय किए गए हैं। ग्रंथालय का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल तथा अनेक प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों के अध्ययन मंडल के द्वारा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार सीबीसीएस पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसे आगामी सत्र से लागू किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार एवं उनके स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रयास निरंतर किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय में स्थानीय भाषा एवं बोली में पाठ्यक्रम तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों को स्वयं एवं मूक्स पर ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। 3 वर्षीय वार्षिक प्रणाली के पाठ्यक्रम स्नातक कक्षाओं में लागू किया जा चुका है। विश्वविद्यालय में गैर शैक्षणिक कर्मचारी का प्रमोशन किया जाएगा। अतिथि व्याख्याता एवं संविदा पर कार्यरत शिक्षकों का नवीनीकरण किया गया है। विश्वविद्यालय में कन्या छात्रावास में छात्राओं की मांग पर लगातार सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। बालक छात्रावास में आवश्यक सामग्री क्रय करने की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात छात्रों को रहने की अनुमति प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक कैलेंडर के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया संपन्न कराई गई है तथा परीक्षा आयोजन एवं परीक्षा परिणाम की घोषणा भी अकादमी कैलेंडर के अनुसार ही किया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा वर्तमान में लगभग 20 हजार छात्र-छात्राओं का एबीसी आईडी तैयार कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त विगत 9 वर्षों के लगभग 6 लाख परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम डिजिलॉकर में अपलोड किया जा चुका है। विश्वविद्यालय के अधोसंरचना विकास में भी अनेक कार्य पूर्ण किया गया है एवं कई पूर्णता की ओर है, जिसमें विश्वविद्यालय के धरमपुरा नवीन परिसर में अतिरिक्त जमीन उपलब्ध कराने के लिए बस्तर जिला कलेक्टर से अनुरोध किया गया है। विश्वविद्यालय के वर्तमान परिसर में नवीन प्रवेश द्वार एवं डबल चैनल रोड तैयार करने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग मिला है। विश्वविद्यालय के दोनों परिसर में कैंपस ब्यूटीफिकेशन का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। विश्वविद्यालय में 20 कमरों का गेस्ट हाउस निर्माणाधीन है। विश्वविद्यालय में 17 पीएचडी अवार्ड किया जा चुका हैं। लगभग 10 पीएचडी शोध प्रबंध का मूल्यांकन कार्य जारी है। 2023 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए सूचना जारी हो चुकी है। 10 विषयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराया जाएगा। इसके लिए 30 सितंबर तक 502 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। शोध केंद्र एवं शोध निर्देशकों की संख्या में वृद्धि होने पर नवीन विषयों में भी शोध कार्य के लिए पीएचडी पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को शोध निर्देशक के लिए आवेदन करने तथा शोध केंद्र की स्थापना के लिए आवेदन करने का अनुरोध किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि इस वर्ष स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में माह अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत स्वच्छता एवं सेवा का कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आनंद मूर्ति मिश्रा, सहायक प्राध्यापक द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन श्री सी. एल. टंडन, सहायक कुलसचिव द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजीवन कुमार द्वारा बताया गया कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना के निर्देशानुसार स्वच्छता ही सेवा पर आधारित स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के शिक्षा अध्ययनशाला भवन में ही किया जा रहा है। कुलपति, कुलसचिव, उपस्थित प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने अध्ययनशाला के प्रांगण में साफ-सफाई का कार्य किया।